एक दिन हिम्मत कर कदम उस घर की तरफ उठ गए जाकर मैंने दरवाजा खटखटाया एक दिन हिम्मत कर कदम उस घर की तरफ उठ गए जाकर मैंने दरवाजा खटखटाया
"मम्मी बुआ जी कितने दिनों में अपने घर जाएंगी। क्या वह ऐसे ही नाराज रहेंगी?" "मम्मी बुआ जी कितने दिनों में अपने घर जाएंगी। क्या वह ऐसे ही नाराज रहेंगी?"
माँ इतनी अच्छी क्यों होती है? माँ इतनी अच्छी क्यों होती है?
जंगल तो मेरा दोस्त है। बल्कि हर आदमी का दोस्त है। कैसे राक्षस हैं वे लोग जो जंगलों को काट कर तबाह कर... जंगल तो मेरा दोस्त है। बल्कि हर आदमी का दोस्त है। कैसे राक्षस हैं वे लोग जो जंगल...
"माँ! माँ! चलते समय मेंढक क्या सोचता है?"……… "माँ! माँ! चलते समय मेंढक क्या सोचता है?"………
दुनिया में एक से एक अच्छी चीज़ है खाने की। सबका अपना-अपना स्वाद है। सबके अपने-अपने गुण हैं। दुनिया में एक से एक अच्छी चीज़ है खाने की। सबका अपना-अपना स्वाद है। सबके अपने-अप...